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एक मर्द का कबूलनामा ….

sach ke liye sach ke sath
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यह व्यंग्य यूपीए सरकार में पूर्ति समूह के प्रतिष्ठानों पर आयकर छापे के बाद नितिन गडकरी के बयान के बाद लिखा गया था। सुधि पाठकों के अवलोकनार्थ सादर प्रस्तुत है।

एक मर्द का कबूलनामा ….
मित्रों ! अपने नितिन गडकरी साहब का हालिया कबूलनामा काबिले तारीफ़ है। उन्होंने सीना ठोक के फरमाया है कि ‘‘मैं मर्द बच्चा हूँ। ” मैंने तो साहब अपना माथा पीट लिया ।अपने अज्ञान के लिए खुद को धिक्कारा भी ।अभी तक तो हम नामचीन अख़बारों ,पत्रिकाओं के दिए ज्ञान के सबब (जो घोड़े ,हाँथी बगैरह की फोटू के साथ ,गलत संगत यानि कुटेवों के कारण भरी जवानी में अपनी मर्दानगी गँवा देने बाले नामर्दों को अमुक तमुक दवा खिला के शर्तिया मर्द बनाने बाले खानदानी अखानदानी ,शाही दवाखानों के संचालकों ,दवा कंपनियों के गुप्त ज्ञानी विज्ञापनों में इफरात में उपलब्ध थे , है और रहेंगे ) यही जानते थे कि आदमी की मर्दानगी सार्वजानिक तौर पे जाहिर न कर पाने बाली वजहों से गुम हो जाती है ।
गडकरी साहब ने नया ज्ञान दिया कि सियासी वजहों से भी बन्दों की मर्दानगी खतरे में पड़ जाती है ,बाज दफा सियासत के फेर मे बंदे अपनी मर्दानगी गंवा बैठते हैं ।जैसे बहन जी के राज मे पुरुषोत्तम नरेश गंवा बैठे थे। गनीमत है कि जिन वजहों से सियासी बंदे मर्दानगी गंवा बैठते हैं,या उनकी मर्दानगी खतरे में पड़ती है वो लाईलाज नहीं हैं ।तभी तो अपने गडकरी साहब की मर्दानगी लौट आयी । अब साहब मर्दानगी लौटे और आप उसकी मुनादी ना करो तो अगला तो आपको पहले बाले मेक का बन्दा ही समझता रहेगा। मर्दानगी लौटे तब ये तो लाजिमी है साहब कि मर्द बच्चा मर्दानगी के काम करेगा ,मर्दानगी की बात करेगा। तब और भी जब किसी को मर्द होने का इल्हाम देर से हो ।जैसे अपने गडकरी साहब को हुआ ।तभी तो मर्दानगी का इल्हाम होते ही मर्दानगी बाला काम करने मे देरी नहीं की। गडकरी साहब फरमाते हैं कि अभी तक वो सिंघासन बत्तीसी पर बिराजमान थे इस वजह से मर्यादा के मारे अपने मर्द होने का राज सीने में छुपाये थे।अपने मर्द को ‘डिसेविल मोड ‘में करके लाकर में जमा कर रखा था ।तभी तो अपनी अध्यक्षी के दौरान उन्होंने मर्दानगी का कोई भी काबिले जिक्र काम नहीं किया । थोड़ा बहुत जो हो हवा गया वो इनके किये नहीं उन मर्दानों के किये हुआ जिन पे मर्यादा की बंदिश लागू नहीं थी ।हम तो भैया मान गए गडकरी साहब को ।बिलकुल बजा फरमा रहे हैं वो आपने देखा नहीं जिस सिंघासन बत्तीसी के सबब गडकरी साहब का मर्द हिडेन मोड में था उसी सिंघासन बत्तीसी पर बैठ कर मर्दानगी का काम करने चले बंगारू लक्ष्मण किस दुर्गति को प्राप्त हुए थे ?सिंघासन बत्तीसी पर रहते मर्द को पोशीदा रखने का ज्ञान गडकरी साहब ने बंगारू लक्षमण के बुरे हश्र से प्राप्त किया या किसी और स्रोत से आप इस फेर में ना पड़ें । आप तो बस इतना समझ लें कि गडकरी साहब तब भी मर्द थे जब सिंघासन बत्तीसी पर थे पर मर्यादा के मारे थे सो बताते नहीं थे । ज्यों ही मौका हाँथ लगा फटाक से बता दिया कि ‘‘दुनिया बालों खास तौर पर आयकर बालों इस मुगालते में मत रहो कि मैं मर्द नहीं हूँ ।अब चुकी भैया ‘घाघनाथ‘ सिंघासन बत्तीसी पर विराजमान हैं सो अब मर्यादा की पोटली उन्हीं को चार्ज में सौंप आये हैं गडकरी। अब अर्यादा मर्यादा गयी तेल लेने। अब सिंघासन बत्तीसी नहीं तो मर्यादित रहने की बंदिश नहीं। अब ये बताने में कोई हर्ज नहीं कि ‘अपुन मर्द बच्चा ‘है । हालाँकि ये राज उन्होंने आयकर विभाग के उन नासमझ अधिकारियों पे जाहिर किया है जिन्हें अपने भविष्य की चिंता नहीं है, जो वर्तमान में जीने की गलत राह पर हैं ।इसी गलत राह पर चलते हुए वो उर्ति – पूर्ति समूह सहित उन प्रतिष्ठानों में ताक झांक करने की गुस्ताखी कर रहे हैं जिनसे अपना ये मर्द बच्चा डाइरेक्ट या इनडाइरेक्ट जुड़ा है । मर्द गडकरी ने विधिवत समय सीमा भी बता दी है कि बहैसियत मर्द वो आयकर बालों से कब निपटेंगे कैसे निपटेंगे ? यही साबित करता है कि वास्तव में वो मर्द हैं । ये नहीं की गाँठ बांधे रहे और सत्ता में आते ही लगे बहन जी ,नेताजी स्टाईल में उन अफसरों को निपटाने जो उनके विपक्ष में रहने के दौरान उन्हें घांस नहीं डालते थे ।छुप के बार करना मर्दों का काम नहीं तभी तो भगवा पलटन के सत्तारूढ़ होने के मुंगेरीलालनुमा हसीन स्वप्न लोक में बिचरते गडकरी साहब ने अभी से अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है कि उनकी भगवा पल्टन ज्यों ही दिल्ली बाले सिंघासन बत्तीसी पर काबिज होगी वो आयकर के अधिकारियों से निपटेंगे ।जब वो निपटना शुरू करेंगे आंग्रेस -कांग्रेस ,ओनिया -सोनिआ,इदम्बरम -चिदंबरम , इन नाशुक्रे अधिकारियों को बचाने नहीं आयेंगे। ना जाने क्यों मुझे लगता है कि गडकरी साहब ने अपने मर्द होने का मर्दानगी भरा ऐलान करने में जल्दबाजी से काम लिया । अधिकारियों की फितरत किससे छुपी है। मुझे ये चिंता खाए जा रही है कि कहीं ये फितरती अधिकारी मर्द गडकरी को गच्चा न दे जाएँ । कहीं ऐसा ना हो कि आयकर के जिन अधिकारियों को 2014 के महासमर के बाद भगवा पलटन के सत्तारूढ़ होने पर मर्द गडकरी निपटाने की खमठोकू बात कर रहे हैं वो अपनी फितरत से बच निकलें। इंसान को हमेशा गडकरी जैसे मर्दों के पाले में खड़ा होना चाहिए ।ना सिर्फ खड़ा होना चाहिए बल्कि गाहे बगाहे ऐसे मर्दों को संभावित खतरों से आगाह भी करना चाहिए। यही सोंच कर मैं गडकरी साहब को जासूसों की सेवा लेने की नेक सलाह देना चाहता हूँ । मेरी नेक सलाह है कि आयकर के जिन अधिकारियों को गडकरी साहब अपनी मर्दानगी भगवापल्टन के सत्ता में आने पर दिखाने का रोडमैप न सिर्फ बना चुके हैं बल्कि मर्दानगी के साथ जगजाहिर भी कर चुके हैं उनकी निगरानी अभी से शुरू करा देनी चाहिए। सरकारी ना सही गैर सरकारी जासूसों को उन आय कर अधिकारियों के पीछे लगा देना चाहिए । आप तो जानते हैं ना ये अधिकारी कौम कैसी होती है ? हवा का रूख भांपने में माहिर , नया गाड फादर तलाशने , पुराने गाड फादर को गुड बाय सी यु बोलने में दक्ष होते हैं । अब साहब चुंकि गडकरी साहब ऐलाने जंग कर चुके तो अपुन का फर्ज बनता है कि तू कौन मैं खैरख्वाह कि तोहमत कि परवाह किये बिना अपनी राय जरूर दूं ताकि आयकर बालों को गडकरी साहब ने देख लेने को जिस मर्दाने लहजे मे ललकारा है जब उस पर अमल का नेक काम गडकरी साहब अंजाम दें तो उनकी मर्दानगी का परचम दिगदिगंत मे लहराए । ऐसा ना हो कि अभी से आयकर बाले गडकरी साहब के घोषित हमले की काट के लिये बयाना देकर भगवा पलटन में कोई बजनी गाडफादर इंगेज कर लें । गडकरी साहब की मर्दानगी धरी की धरी रह जाये। खुदा न करे कि मेरी आशंका सही साबित हो ।यदि ऐसा हुआ तो गडकरी साहब का मर्द होने का हालिया इल्हाम तो गलत सिद्ध हो जाएगा ,जनता गफलत में पड़ जायेगी कि गडकरी साहब मर्द हैं या… । (संदर्भः-पूर्ति समूह पर आयकर छापा के बाद गडकरी का बयान )

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