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एंटी करप्शन के डिप्टी ईमान खान ड्यूटी से घर लौटे तो आते ही अपनी बेगम को दबोच लिया। लगे प्यार बरसाने। बेगम समझ गईं कि आज कोई लम्बा हाँथ मारा है जनाब ने तभी बहक रहे हैं। बेगम ने प्यार से कहा अजी भागी थोड़ी जा रही हूँ कि आते ही लगे लिपटने।जानूं तो कि आज मेरे सरकार इतने खुश क्यूँ हैं ? एक लम्बा चुम्बन दाग कर डिप्टी साहेब ने बेगम को बताया कि अजी आज एक नायब तहसीलदार को घुस लेते रंगे हाँथ धर दबोचा। ऊपर बाले कि मेहरबानी देखो कि घुस देने बाला नगर का अघोषित बेईमान और घोषित तौर पर इज्जतदार सेठ । अब मैंने छापा आन द रिकार्ड तो मारा नहीं था।अपने मुकामी मुखबिर कि सूचना पर मारा था, सो घूस लेने बाले नायब तहसीलदार और देने बाले सेठ दोनों से दस दस लाख बसूले। घूस के पांच लाख को मिला कर कुल पच्चीस लाख दुहे आज। ये सम्भालो और सेफ में रख दो सहेज कर। डिप्टी साहेब ने मन ही मन अपनी बेईमानी कि कमाई का हिसाब जोड़ा और राजधानी के अपने एक विश्वस्त प्रापर्टी डीलर को फोन किया कि कोई ढंग कि प्रापर्टी तलाशे। रात गहराई तो बेगम के पहलू में सोये हसीन ख्वाबों में खोये डिप्टी साहेब के यहाँ इन्कम टैक्स कि टीम ने छापेमारी की। उनके कब्जे से करोड़ों कि नगदी, जेवरात और करोड़ों रुपये कीमत के प्रापर्टी के दस्ताबेज बरामद हुए। दूसरे दिन जब टीवी चैनलों पर इस छापेमारी कि खबर प्रसारित हुई तो लोग अचंभित रह गए। क्योंकि डिप्टी साहेब कि आम छवि एक ईमानदार और कड़क अफसर की थी। इनकम टैक्स के छापामार दस्ते का नेतृत्व मिस्टर हरिश्चंद्र कर रहे थे। जिनकी ईमानदारी के किस्से प्रायः सुने जाते थे ।लोग कहते की यथा नाम तथा गुण के प्रतीक हैं हरिश्चंद्र साहब। दूसरे दिन इस छापेमारी की खबर छपी की एंटीकरप्शन के भ्रष्ट डिप्टी ईमान खान के घर आय कर का छापा:50 लाख 88 हजार बरामद। चाय पान की दुकानों पर अखबार की यही खबर जेरे बहस थी । लोग ईमान खान की बेईमानी की चर्चा कर रहे थे ,लगे हाँथ हरिश्चंद्र साहब की ‘ईमानदारी ‘की विरदावली भी गा रहे थे। हरिश्चंद्र साहब की ईमानदारी का सच तो एंटीकरप्शन के भ्रष्ट डिप्टी ईमान खान ही जानते थे। जो चाह कर भी कह नहीं सकते थे की ‘‘ हाँ मैं भ्रष्ट हूँ पर भाई लोगों जिस हरिश्चंद्र साहब की ईमानदारी के कसीदे काढ रहे हो वो महाभ्रष्ट है लूटेरा है। हरामी ने बरामद किये 5 करोड़ नगद ,करोड़ों के जेवरात और रिकार्ड में मात्र 50 लाख 88 हजार दिखाए।बेनामी सम्पत्ति के कागजात लौटाने के नाम पर मुझे दूहा सो अलग।
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