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भोपाल मे आतंकियों की सर्जिकल स्ट्राईक

sach ke liye sach ke sath
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प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी सहित पूरी भगवा फ़ौज सर्जिकल स्ट्राईक पर सियासत में जुटी है। उधर एलओसी पर और देश के भीतर आतंकियों द्वारा सर्जिकल स्ट्राईक का सिलसिला जारी है।

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी हों या मोदी के अंध भक्त इनमे सच सुनने का संयम नहीं है। सर्जिकल स्ट्राईक का श्रेय लूटने बाले अपनी नाकामियों की जबाबदेही स्वीकार करने को तैयार नहीं।

ख़ुफ़िया एलर्ट के वावजूद आतंकी बारदातों को रोक पाने, एलओसी पर पाक सेना की सरपरस्ती में हो रही गोला बारी , पाक आतंकियों की घुसपैठ रोक पाने में मोदी सरकार विफल रही है इसकी पुष्टि पठानकोट एयरबेस ,उडी सैन्य शिविर पर हुए आतंकी हमलों तथा सर्जिकल स्ट्राईक के उत्तरवर्ती घटनाक्रमों से होती है। सरकार अभी भी चेती नहीं है।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आतंकियों की सर्जिकल स्ट्राईक बताती है की यह सरकार अभी भी चेती नहीं है। सेंट्रल जेल भोपाल से फरार आठ सिमी आतंकियों की फरारी केंद्र और भाजपा शासित मध्य प्रदेश सरकार के नाकारापन की मिसाल है। जिस जेल में 35 आतंकी कैद थे उसकी सुरक्षा और कैद आतंकियों की निगरानी की व्यवस्था कितनी चाक चौबंद थी बताने की जरुरत नहीं है। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने स्लीपर सेल के सक्रिय होने और हार्डकोर आतंकियों के जेल से फरार होने को लेकर चेताया था फिर भी 8 आतंकी न सिर्फ फरार हुए उन्होंने आधुनिकतम हथियार भी हासिल कर लिए। गनीमत है की फरार आठो आतंकी नाटकीय घटनाक्रम में मारे गए। पुलिस मुठभेड़ में आतंकियों के मारे जाने पर केंद्र और मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार शौक से श्रेय लुटे इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं पर वह आतंकियों की सफल फरारी की जबाबदेही न ले तब इस शर्मनाक बारदात की नुक्ताचीनी होना ,इस पर सियासी टिप्पणियां होना स्वाभाविक है।
अरुण यादव अध्यक्ष मध्य प्रदेश कांग्रेस ने दीपावली की रात सेन्ट्रल जेल भोपाल से आठ आतंकियों की फरारी और भोपाल के पास ही आठ-नौ घंटे तक उनके छिपे रहने पर जो सबाल खड़े किये हैं कत्तई अनुचित नहीं हैं। अरुण यादव ने जानना चाहा है की :-

01 -जब केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर पूरे देश में हाई अलर्ट रखे जाने की बात कही गयी थी, जिसमे दीपावली पर्व को लेकर स्पष्ट निर्देश थे तब राज्य सरकार ने उन निर्देशों की अनदेखी क्यों, किसलिए और किसके निर्देश पर की?
02 -जेल मैन्युअल के अनुसार किसी भी जेल में आठ से अधिक दुर्दांत अपराधियों को नही रखा जाना चाहिए, तो राजधानी की जेल में एक साथ 35 आतंकियों को क्यों रखा गया?
03- खंडवा जेल से सिमी आतंकवादियों के फरार हो जाने की घटना से भी सरकार ने सबक क्यों नही लिया?
04 -जिस जेल में 35 आतंकियों को रखा गया था उस जेल की सुरक्षा मात्र 2 सिपाहियों के भरोसे क्यों, कैसे और किसलिए रखी गई?
05 -फ़रार हुए आतंकियों को आधुनिकतम हथियार कहाँ से और किससे प्राप्त हुए?
बहरहाल भोपाल सेन्ट्रल जेल से आतंकियों की फरारी इस बात की पुष्टि करती है की आतंकी तंजीमों के मददगार हमारे बीच ही मौजूद हैं। आतंकी नेटवर्क हमारे पुलिस और ख़ुफ़िया नेटवर्क के नाकारापन की वजह से फल फूल रहा है। कोढ़ में खाज की स्थिति यह है की ख़ुफ़िया एलर्ट के बाद भी आतंकी अपने मंसूबों में सफल हो रहे हैं। देश को यह बताया जाना चाहिए की ख़ुफ़िया एलर्ट के बाद भी आतंकी अपने मंसूबों में कैसे सफल हो रहे हैं ? इसका जिम्मेवार कौन है ?

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