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ये शहादत है या सरकारी नाकारापन ?

sach ke liye sach ke sath
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भाजपा सर्जिकल स्ट्राइक को चुनावी मंडी में भुनाने में जुटी है . बेशर्मी का आलम यह है की नगरोटा में देश के सात सपूतों की लाश पड़ी थी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उत्तर प्रदेश की चुनावी रैली में जुबानी गोले दाग रहे थे .अमित शाह यह कह रहे थे की मोदी जी ने सर्जिकल स्ट्राइक की है . CyhPT-qUUAAaql1इसमें कत्तई संशय की गुंजाइश नहीं है की भाजपा नैतिकता को ताक पर रख कर सैनिकों की शहादत( जिसके लिए केंद्र की मोदी सरकार जिम्मेवार है ) पर घृणित राजनीती कर रही है .भगवा पलटन देश को गुमराह कर रही है ,भगवा पलटन खुद को देश भक्त और शेष भारत को देशद्रोही साबित करना चाहती है .मोदी सरकार को मजबूत और पूर्ववर्ती सरकारों को कमजोर साबित करना चाहती है .
सरहद की सुरक्षा और सीमा पार से आतंकी वारदातों के मामले में २०१४ की चुनावी रैलियों में भाजपा के स्टार प्रचारक रहे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को जो भरोसा दिलाया था वह भरोसा भी जुमला में तब्दील होता नजर आ रहा है .
महीनों से सुलगता कश्मीर ,लगातार हो रहे आतंकी हमले स्थिति की भयावहता को उजागर करते हैं .जिस सर्जिकल स्ट्राइक का भगवा पलटन श्रेय लूट रही ,जिस सर्जिकल स्ट्राइक का बखान चुनावी रैलियों में कर रही उसके बाद पाकिस्तान द्वारा की गई सीज फायर उल्लंघन की संख्या और आतंकी हमलों ,आतंकी हमलों में मारे जा रहे हमारे सैनिकों और पुलिस बल के जबानों की संख्या हमें मोदी सरकार की कथनी और करनी बताती है .
यदि सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय मोदी सरकार लूट रही है तब उसे ईमानदारी के साथ अपनी नाकामियों की जबाबदेही भी लेनी चाहिए .क्या यह मोदी सरकार की विफलता नहीं है की पूर्व ख़ुफ़िया इनपुट के वावजूद वह न तो पठानकोट एयर बेस पर आतंकी हमला रोक पाई ,न उडी और नागरोटा के सैन्य शिविर पर आतंकी हमलों को . पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक पर क्षुद्र नदी जल भरी उतराई की कहावत को चरितार्थ करती मोदी सरकार को बताना चाहिए की देश के सैन्य ठिकानों पर लगातार आतंकियों द्वारा की जाने बाली सर्जिकल स्ट्राइक की जबाबदेही किसकी है ? ख़ुफ़िया सूचना के वावजूद सैन्य शिविरों पर होने बाले हमलों की जबाबदेही किसकी है ?

उडी हमले में मारे गए 20सैनिकों और सर्जिकल स्ट्राइक के बाद मारे गए 26 जबानों की मौत,नगरोटा में मारे गए सात जबानों की मौत का जिम्मेवार कौन है ? सैनिकों की शहादत और किसी सरकार के निकम्मेपन की वजह से उनके मारे जाने को एक ही तराजू पर नहीं तौला जाना चाहिए .

भाजपा ने सैन्य अभियान और सैनिकों की शहादत को सियासी हथियार बनाया है,वह सेना का सम्मान करने बाले एकलौते राजनैतिक दल की अपनी छवि गढ़ने में जुटी है .करनी के धरातल पर उसका चरित्र यह है की नगरोटा के शहीदों को संसदीय परम्परा के अनुसार श्रद्धांजलि देने की विपक्षी दलों की मांग को भाजपा सरकार” सर्च आपरेशन जारी है “जैसे बेहूदा तर्कों के शोर में दबाती नजर आती है .
भाजपा ने सैन्य अभियान और सैनिकों की शहादत को सियासी हथियार बनाया है इसका संज्ञान निश्चित तौर पर न्यायपालिका और निर्वाचन आयोग को लेना चाहिए .इस पर अबिलम्ब प्रतिबन्ध लगाया जाना चाहिए .किसी भी रूप में प्रत्यक्ष या परोक्ष तरीके से सैन्य अभियान और सैनिकों की शहादत को सियासी हथियार बनाने की इजाजत किसी को नहीं दी जानी चाहिए .

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