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जबरिया कैश लेश थोपना ज्यादती

sach ke liye sach ke sath
sach ke liye sach ke sath
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नोटबंदी को लेकर किये गए प्रधान मंत्री के सारे के सारे दाबों का जैसा हश्र देखा जा रहा है उनसे एक बार फिर इस बात की तस्दीक होती है की यह फैसला बिना किसी सुविचारित योजना के हड़बड़ी में लिया गया नरेंद्र मोदी का एकल फैसला था .लोकलुभावन जुमलों के साथ देश पर थोपा गया आपात काल ख़तम होता नजर नहीं आता .आत्म मुग्ध मोदी जी ने नोटबंदी की घोषणा करते समय ५० दिन की जो समय सीमा तय की थी वह समाप्त होने जा रही पर हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे .बैंक और एटीएम्स से धन निकासी पर थोपी गई प्रतिबंधात्मक सीमा कब हटेगी यह बताने की स्थिति में कोई नहीं है .
अति उत्साह में मोदी जी जुमलों के हवाई जहाज से पैराशूट की जगह जुमलों की पोटली लेकर कूद पड़े इसमें किसी को कत्तई संशय नहीं होना चाहिए .पहले कहा गया की मात्र ५० दिन देश के लिए देशवासी तकलीफ बर्दाश्त करें .अब कहा जा रहा है की ५० दिन बाद धीरे धीरे स्थिति सामान्य हो जाएगी .
(TOP CASHLESS COUNTRIES
COUNTRIES
CASHLESS TRANSACTIONS
1-Singapore
61%
2-Netherlands
60%
3-France
59%
4-Sweden
59%
5-Canada
57%
6-Belgium
56%
7-United Kingdom
52%
8-USA
45%
9-Australia
35%
10-Germany
33%
11-South Korea
29%
12-Spain
16%
13-Brazil
15%
14-Japan
14%
15-China
10%

India
2%
Source: Mastercard Advisor’s Measuring progress toward a cashless society)
देश पर आर्थिक आपातकाल थोपने के बाद अब लोगों को गर्दन पकड़ कर कैश लेश के उस अंधे कुंए में धकेल रही है मोदी सरकार जिसमे सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है .
अपनी नाकामी छिपाने के लिए सरकार लोगों को वाहियात कुतर्कों की चाशनी में लपेट कर कैश लेश खरीद फरोख्त की लालीपाप थमा रही है .यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है की जिस कैश लेश ट्रांजेक्शन में फ्राड की सम्भावना है उसका प्रचार इस देश का प्रधान मंत्री और वित्त मंत्री कर रहा है जनता को इस फ्राड के जाल में फंसाने के लिए इनामी झुनझुना थमाया जा रहा है ,बेशर्मी की पराकाष्ठा ही है की इनामी लाटरी का ड्रा इस मुल्क का मंत्री करेगा .
गौर तलब है की अक्टूबर महीने में ही कैश लेश व्यवस्था की सुरक्षा व्यवस्था तार तार हुई थी जब २६ लाख मास्टर कार्ड और ६ लाख रुपे कार्ड को ब्लाक करना पड़ा था .स्टेट बैंक तक को ६.२५ लाख डेबिट कार्ड ब्लाक करने पड़े थे .जिस चीन के साइबर क्रिमिनल्स ने हमारी बैंकिंग सुरक्षा व्यवस्था में सेंधमारी की थी उसी चीन के पेटीएम पर इस मुल्क के प्रधान मंत्री इस कदर फ़िदा हैं की पेटीएम का प्रचार तक करने से उनको गुरेज नहीं .
याद कीजिये दीपावली के समय चीन के सामानों के खिलाफ भगवा पलटन का जहरीला प्रोपगंडा ,चीन के सामानों की होली जलाने की नौटंकी ,आज पेटीएम का प्रचार देशभक्ति का काम हो गया है .पेटीएम पर मोदी सरकार इस कदर मेहरबान है की सरकारी संस्था का गला घोंटने से भी उसे परहेज नहीं .देश के सबसे बड़े प्रतिष्ठान रेलवे के साथ मोदी सरकार कैसा खेल खेलने जा रही है इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है की देशवासियों को धमका कर कैश लेश रेल टिकट खरीदने को बाध्य किया जा रहा है ,यह धमकी दी जा रही है की रेलवे काउंटर से लिए गए टिकट पर बीमा लाभ नहीं दिया जाएगा जबकि रेल टिकट के मूल्य में यात्रियों से सुरक्षा संरक्षा कर बसूला जाता है .रेल टिकटों की कैश लेश बिक्री के लिए गेटवे अकेले पेटीएम को ही दिया गया है .
हिंदुस्तान जैसे देश में लोगों पर कैश लेश व्यवस्था जबरिया थोपने को सरकारी सनक और तानाशाही के अलावा क्या कहा जा सकता है . यहाँ पेमेंट सिस्टम विजन डाक्यूमेंट २०१२ -२०१५ की चर्चा प्रासंगिक है .राज्य सभा में प्रश्न काल में वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने लेश कैश सोसायटी के सन्दर्भ में बताया था की जनता से मिली प्रतिक्रिया बहुत निराश करने वाली रही है .इसलिए उस दिशा में आगे नहीं बढ़ा जा सकता .
कैश लेश का विकल्प लोगों के विवेक पर छोड़ना चाहिए लोगों पर थोपना कत्तई उचित नहीं कहा जा सकता .कैश लेश का विकल्प लोगों को पहले से ही मिला हुआ है फिर इस विकल्प को जबरिया थोपने के मूल में सरकार की नोटबंदी के मामले में नाकामी ही है .

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