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उत्तर प्रदेश के पिछले चुनावी इतिहास पर नजर डालें तब यहाँ जनता की मूल भूत समस्या हाशिये पर होती हैं नकारात्मक प्रचार फलक पर होता है। कभी सूबे को गुंडा राज से मुक्त कराने का भरोसा देकर सपा को बेदखल कर बसपा सत्ता पर काबिज होती है तो कभी गुंडाराज से मुक्ति के मुद्दे पर ही बसपा को अवाम बाहर का रास्ता दिखाते हुए सपा को सूबे की कमान सौंपती है।
2017 में भी इतिहास ने खुद को दोहराया ,भाजपा का फोकस सूबे में सपा के कथित गुंडा राज पर था। नरेंद्र मोदी से लेकर छुटभैय्ये नेता तक सूबे में राम राज लाने का राग अलापते रहे। अखिलेश सरकार के कामों की हार हुई और भाजपा ने साम -दाम -दंड -भेद की रणनीति अपनाकर सत्ता हासिल कर ली। सत्ता परिवर्तन के बाद जिस तरह एक महिला दरोगा से सत्ता मद में बौराये लोगों ने मारपीट की ,जिस तरह एक सीओ को सत्ताधारी दल के एक नवनिर्वाचित विधायक ने धमकी दी ,एक अन्य विधायक के परिवार के सदस्यों ने एक अल्पसंख्यक के घर में घुसकर महिलाओं से मार पीट की उसने लोगों को हैरान किया। यह सिलसिला थमने का नाम न ले रहा।
बहैसियत मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ ने लोगों को आश्वस्त किया था की अब अपराधियों की जगह जेल होगी या उनको प्रदेश छोड़ना होगा। परन्तु करनी के धरातल पर मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए एंटी रोमियो अभियान शुरू किया ,इस अभियान पर कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।
खबरिया चैनलों पर सूबे में सब कुछ पटरी पर दिखाने की होड़ जारी है जबकि कानून व्यवस्था को अपराधी लगातार चुनौती दे रहे हैं। हत्या ,बलात्कार ,पुलिसिया उत्पीड़न ,लूट,खनन माफियाओं की दबंगई की वारदातों से क़ानून व्यवस्था की जमीनी हकीकत समझी जा सकती है। दिनदहाड़े आगरा में एसओजी के सिपाही की हत्या ,प्रतापगढ़ में एक सिपाही की हत्या,फिरोजाबाद में खनन माफिया द्वारा एक सिपाही की हत्या के बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चौक थाने से चंद कदम दूर भीड़ भाड़ वाले ठठेरी बाजार में दिनदहाड़े एक सर्राफा व्यवसायी के शो रूम को लूट लिया गया । वाराणसी की यह सबसे बड़ी डकैती बताई जा रही है जिसमे शुरुवाती जानकारी के अनुसार 10 करोड़ की लूट हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के गोरखपुर में एक सर्राफा व्यापारी को दिनदहाड़े जिन्दा जला दिया गया।रेल मंत्री मनोज सिन्हा के गाजीपुर में वीआईपी ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस लूट ली गई। लाइसेंसी शराब की दुकानों पर लूट -मार ,तोड़ -फोड़ ,आगजनी का सिलसिला अराजक स्थिति पैदा कर रहा है। इससे स्थिति की भयावहता का अनुमान लगाया जा सकता है.
मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ को गुंडाराज के खात्मे के भाषण और यथार्थ के धरातल पर गुंडाराज के खात्मे ,सूबे को अपराध मुक्त करने के भेद को समझना होगा। मुख्य मंत्री की नीयत और क्षमता की अग्नि परीक्षा ले रही है बेपटरी होती कानून व्यवस्था और बेलगाम ,बेख़ौफ़ अपराधी। उम्मीद की जानी चाहिए की धुन के पक्के योगी आदित्य नाथ इस अग्निपरीक्षा में खुद को खरा साबित करेंगे।
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